Wednesday 18 October 2017

खेड़ेचा राठौड़ की वंशावली

खेड़ेचा राठौङ :-  राव सीहा के पुत्र राव आस्थान ने गुहिलों से खेड़ जीता । खेड़ नाम से राव आस्थान के वंशज खेड़ेचा राठौङ कहलाते है।

खेड़ गाँव राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर की बालोतरा कस्बे से 10कि.मी. की दूरी पर प्राचीन काल में खेड़ नामक राज्य था। खेड़ गाँव पचपद्रा तहसील के अन्तर्गत है। राजस्थान की सीमावर्ती जिले की बाड़मेर के बालोतरा कस्बे से 10 मील की दूरी पर प्राचीन काल में खेड़ नामक राज्य था । खेड़ का प्राचीन काल और ऐटीहासिक नाम श्रीरपुर था। जो मारवाड़ परगने की विख्यात राजधानी थी।उस समय खेड़ राज्य के अधीन560 गांव थे। मगर कालांतर में लड़ाईयो और झंझावातों को सहता हुआ खेड़ राज्य छिन्न-भिन्न हो गया, और उजड़सा गया ।खेड़ राठौड़ वंश के संस्थापक राव सिहा और उनके पुत्र ने खेड़ को गुहिल राजपूतों से जीता और यहां राठौड़ों का गढ़ बनाया। गुहिल राजपूत यहा से भावनगर चले गये खेड़। राजस्थान के जिला बाडमेर, बालोतरा तहसील से कुछ किलोमीटर दूरपचपद्रा तहसील के अन्तर्गत खेड़ गाँव है।  यह स्थान राठौड़ नरेशों का प्राचीन नगर है।

खेड़ेचा राठौङ का पीढी क्रम इसप्रकार ह
राव राजा अस्थान जी - राव सीहा जी- राव सेतराम जी। 

ख्यात अनुसार पीढी क्रम ईस प्रकार ह

1. महाराजराजा यशोविग्रह जी (कन्नौज राज्य के राजा)
2. महाराजराजा महीचंद्र जी
3. महाराज राजा चन्द्रदेव जी
4. महाराजराजा मदनपाल जी (1154)
5. महाराज राजा गोविन्द्र जी
6. महाराज राजा विजयचन्द्र जी जी (1162)
7. महाराज राजा जयचन्द जी (कन्नौज उत्तर प्रदेश1193)
8. राव राजा सेतराम जी
9. राव राजा सीहा जी (बिट्टू गांव पाली, राजस्थान1273)
10. राव राजा अस्थान जी (1292)

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